हल्द्वानी लाइव Haldwani Live

एक उभरते हुए शहर की धड़कनों का जायजा.. Musings from an emerging City

गुरुवार, 18 मई 2017

वीरेनदा: एक सौ फीसदी इंसान

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संस्मरण/ गोविन्द सिंह 28 सितम्बर, 2015 को हिन्दी के अत्यंत सर्जनशील कवि और पत्रकार वीरेन डंगवाल का निधन हुआ. उसके कुछ ही दिन बाद ‘आधारशि...
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बुधवार, 17 मई 2017

देविका का तट और पुरमंडल के शिवलिंग

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तीर्थ/ गोविन्द सिंह उमा-महेश का प्राचीन शिव मंदिर  आज कुछ जल्दी घर आ गया. शाम को रोज की तरह टहलने का मन हुआ. श्रीमती बोलीं, क्यों न ...
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शनिवार, 4 जून 2016

पत्रकारिता: आइना दिखाती एक पड़ताल

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समाचार 4 मीडिया   ब्यूरो ।। 30 मई को हर साल हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1826 को पंडित युगल किशोर शुक्ल ने ...
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मंगलवार, 24 मई 2016

आत्मसम्मान बनाम मानहानि

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मीडिया कानून/ गोविन्द सिंह देश की सर्वोच्च अदालत ने आपराधिक मानहानि क़ानून को बरकरार रख कर जहां एक तरफ बड़बोले नेताओं को किसी के भी खिला...
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शनिवार, 16 अप्रैल 2016

Genuine intent, sound policy must to convince natives to return home

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Uttarakhand/ Govind Singh The Tribune, February 10, 2016 Uttarakhand has suffered at the hands of its own political leadership. Negl...
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Govind Singh(गोविन्द सिंह)
पिथौरागढ़ जिले में एक गांव है सौगांव, जहां आज भी सड़क नहीं पहुंची है, वहीं जन्म। चंडीगढ़ में पढ़ाई। मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में पिछले 30 साल से पत्रकारिता। कई बार पत्रकारिता से बाहर भी छलांग लगाई। पत्रकारिता शिक्षण में भी हाथ आजमाया। धर्मवीर भारती, विश्वनाथ सचदेव, राजेंद्र माथुर, एसपी सिंह, विद्यानिवास मिश्र, विष्णु खरे, सूर्यकांत बाली, आलोक मेहता,लिया तर्ह्यून और शशि शेखर के साथ काम किया। अंतत: बहुत पुरानी ख्वाहिश- शिक्षा के क्षेत्र में लौट आया। अब अपनी दो ख्वाहिशों पर एक साथ काम कर रहा हूं। यानी पत्रकारिता भी और शिक्षण भी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के साथ। एक कोशिश जड़ों की ओर लौटने की भी।
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