tag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post98023042396881263..comments2024-03-01T00:20:59.919-08:00Comments on हल्द्वानी लाइव Haldwani Live: मुनाफाखोर विश्वविद्यालयों के दौर में मुफ्त शिक्षा की बातGovind Singh(गोविन्द सिंह)http://www.blogger.com/profile/09817516884809588897noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-54312884697360779222012-06-07T19:49:06.630-07:002012-06-07T19:49:06.630-07:00राजीव रंजन श्रीवास्तव:
हिन्दुस्तान में सपांदकीय ...राजीव रंजन श्रीवास्तव:<br />हिन्दुस्तान में सपांदकीय पृष्ठ पर ये लेख पढ़ा था मैंने। सब जगह लोग व्यापारीकरण से क्षुब्ध हैं। शिक्षा क्षेत्र में इस समानता को नहीं पाटा गया तो समाज और देश में इसके भयावह दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-91707714394027557092012-06-07T19:46:51.395-07:002012-06-07T19:46:51.395-07:00शशि शेखर मिश्र:
गुरुदेव को नमस्कार.... शिक्षा और ज...शशि शेखर मिश्र:<br />गुरुदेव को नमस्कार.... शिक्षा और ज्ञान का बाजारीकरण तो पुंजीवादी सोच की उपज है...देश के मुट्ठीभर पुंजीपति फसल काट रहे हैं अपना भंडार भर रहे हैं...गुरुजी ..देश का क्या होगा????????????Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-9332866743801634842012-06-06T22:54:35.506-07:002012-06-06T22:54:35.506-07:00कीर्ति राज रुमाल:
"apka editorial clasical th...कीर्ति राज रुमाल:<br />"apka editorial clasical tha"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-84674249429046263532012-06-06T22:52:44.917-07:002012-06-06T22:52:44.917-07:00सुभाष शर्मा:
"सर नमस्कार आपने ने सही लिखा है ...सुभाष शर्मा:<br />"सर नमस्कार आपने ने सही लिखा है आज शिक्षा दी नहीं जा रही बल्कि बेची जा रही है जिसकी जेब में दाम हैं वह ही उसे खरीद पा रहा हैI.पैसे के बल पर डॉक्टर और इंजीनियर तैयार हो रहे हैं फिर उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है? नार्दन इंडिया में कुकरमुत्तो की तरह जगह जगह खुले तकनिकी और व्यवसायिक कालिजो को उद्योग की तरह चलाया जा रहा है I शिक्षा के दान को तो महा दान कहा जाता था लेकिन अब यह व्यापार बन गया इसके लिए केवल इनके संचालक ही दोषी नहीं बल्कि इन पर नजर रखने वाली सरकारी मशीनरी दोषी है जोकि मलाई चाट रही है.I"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-28412058012877449002012-06-06T21:09:55.509-07:002012-06-06T21:09:55.509-07:00शिक्षा का वर्तमान स्वरुप, अमीरों को विद्यावान, गरी...शिक्षा का वर्तमान स्वरुप, अमीरों को विद्यावान, गरीबों को साक्षर बनाने के नाम पर केवल नाम लिखने का ज्ञान देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. गाँव को शिक्षा और ज्ञान से कटा जा रहा है. उन्हें डर है की गाँव के लोग जागरूक हो गये तो उनकी दुकान नहीं चलेगी. मिड डे मील उसी उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है. लेख बढिया है. बधाई. <br />सुभाष चन्द्र कुशवाहासुभाष चन्द्र कुशवाहाhttps://www.blogger.com/profile/11897529768461784010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-12504418236327262862012-06-06T19:40:12.568-07:002012-06-06T19:40:12.568-07:00आज की शिक्षा व्यवस्था का यह एक दहला देने वाला पक्ष...आज की शिक्षा व्यवस्था का यह एक दहला देने वाला पक्ष है, मगर गोविन्द सिंह जी ने उसे सामाजिक सरोकारों और आम जन के कल्याण के साथ जोड़ते हुए जो सुझाव दिए हैं, फिलहाल उसके अलावा हमारे पास कोई और रास्ता नहीं है. खास बात यह है कि इस पीड़ा को उन्होंने अपनी जड़ों से जोड़ा है और इस बहाने अपने नए राज्य की खो चुकी समृद्ध शिक्षा चेतना के वैकल्पिक मॉडल के रूप में भी प्रस्तुत किया है. बिना देर किये हमें अपनी आगामी पीढ़ियों के लिए इस पर गहराई से विचार करते हुए अपना वैकल्पिक मॉडल तैयार कर लेना चाहिए.batrohihttps://www.blogger.com/profile/07370930712240772275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-68511140405072348982012-06-06T18:39:11.348-07:002012-06-06T18:39:11.348-07:00वास्तव में सर लगता है, शिक्षा जिसे सामाजिक परिवर्त...वास्तव में सर लगता है, शिक्षा जिसे सामाजिक परिवर्तन का माध्यम समझाजाता था आज वो इस उद्योग्वादी युग मैं अपनी वास्तविक पहचान खो रही है बस आकलन करना है इसके लिए जिम्मेदार कौन है ?Dr.Deepakhttps://www.blogger.com/profile/08682685352057538842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-86881783634664918522012-06-06T10:52:07.384-07:002012-06-06T10:52:07.384-07:00Very good article.Great govindji.Very good article.Great govindji.anil k panthttps://www.blogger.com/profile/08615590791523060077noreply@blogger.com