tag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post2765431189746021799..comments2024-03-01T00:20:59.919-08:00Comments on हल्द्वानी लाइव Haldwani Live: जय हो, नया साल शुभ होGovind Singh(गोविन्द सिंह)http://www.blogger.com/profile/09817516884809588897noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-10938454560213628102012-07-01T03:54:50.867-07:002012-07-01T03:54:50.867-07:00धर्म- सत्य, न्याय एवं नीति को धारण करके उत्तम कर्म...धर्म- सत्य, न्याय एवं नीति को धारण करके उत्तम कर्म करना व्यक्तिगत धर्म है । धर्म के लिए कर्म करना, सामाजिक धर्म है । धर्म पालन में धैर्य, विवेक, क्षमा जैसे गुण आवश्यक है । <br />ईश्वर के अवतार एवं स्थिरबुद्धि मनुष्य सामाजिक धर्म को पूर्ण रूप से निभाते है । लोकतंत्र में न्यायपालिका भी धर्म के लिए कर्म करती है ।<br />धर्म संकट- सत्य और न्याय में विरोधाभास की स्थिति को धर्मसंकट कहा जाता है । उस परिस्थिति में मानव कल्याण व मानवीय मूल्यों की दृष्टि से सत्य और न्याय में से जो उत्तम हो, उसे चुना जाता है । <br />अधर्म- असत्य, अन्याय एवं अनीति को धारण करके, कर्म करना अधर्म है । अधर्म के लिए कर्म करना भी अधर्म है ।<br />कत्र्तव्य पालन की दृष्टि से धर्म (किसी में सत्य प्रबल एवं किसी में न्याय प्रबल) -<br />राजधर्म, राष्ट्रधर्म, मंत्रीधर्म, मनुष्यधर्म, पितृधर्म, पुत्रधर्म, मातृधर्म, पुत्रीधर्म, भ्राताधर्म इत्यादि ।<br />जीवन सनातन है परमात्मा शिव से लेकर इस क्षण तक एवं परमात्मा शिव की इच्छा तक रहेगा ।<br />धर्म एवं मोक्ष (ईश्वर के किसी रूप की उपासना, दान, तप, भक्ति, यज्ञ) एक दूसरे पर आश्रित, परन्तु अलग-अलग विषय है । <br />धार्मिक ज्ञान अनन्त है एवं श्रीमद् भगवद् गीता ज्ञान का सार है ।<br />राजतंत्र में धर्म का पालन राजतांत्रिक मूल्यों से, लोकतंत्र में धर्म का पालन लोकतांत्रिक मूल्यों से होता है । by- kpopsbjriAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-86620486880998120912012-01-05T05:23:33.632-08:002012-01-05T05:23:33.632-08:00नया साल तो यहाँ भी ऐसे ही मनाया गया भाई. उज्जैन मे...नया साल तो यहाँ भी ऐसे ही मनाया गया भाई. उज्जैन में महाकाल मंदिर में दो लाख भक्त पहुँचे थे और इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में भी यही हाल था. होटलों, खाऊ ठिकानों का भी हाल ठीक था. मदिरलयों और मंदिरों में समान श्रद्धा से लोग गये.Prakashhindustani@bloggspot.comhttps://www.blogger.com/profile/16199150636593097566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-69915460210792016562012-01-04T19:53:49.552-08:002012-01-04T19:53:49.552-08:00आपने ठीक ही नोट किया, हिन्दू धर्म उत्सवमना है। दर्...आपने ठीक ही नोट किया, हिन्दू धर्म उत्सवमना है। दर्शन, चिंतन में विभेदकारी नही। यद्यपि यह चिंता की बात जरूर है कि धर्म-दर्शन की शिक्षा के प्रति उपेक्षा नई पीढ़ियों को हल्का और खाली-सा बना रही है। वे विदेशी बाह्याचार से पूरित हैं, किन्तु ज्ञानसंपृक्त जीवन-आचरण से उनका परिचय कितना है - यह वास्तविक शोध का विषय है।Shankar Sharanhttps://www.blogger.com/profile/05302753258206444854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-85231552134974838482012-01-03T05:54:21.738-08:002012-01-03T05:54:21.738-08:00गांवों में दूध, दही, गुड़ भले ही न मिले, पर छोटी छो...गांवों में दूध, दही, गुड़ भले ही न मिले, पर छोटी छोटी दुकानों पर कोक, पेप्सी और कैडबरी मिल ही जाते हैं. सुंदर पोस्ट के लिए बधाइयाँ सर.poonam jainhttps://www.blogger.com/profile/00445031694354450129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-38567359856164855342012-01-03T05:31:12.218-08:002012-01-03T05:31:12.218-08:00Strange yet true... a unique way to look at our ch...Strange yet true... a unique way to look at our changing times...Sandeep Joshihttps://www.blogger.com/profile/02164008457423123880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-214435522096949601.post-58943958729668172302012-01-03T05:22:29.067-08:002012-01-03T05:22:29.067-08:00सर नए साल का एक अलग पक्ष सामने आया. सुंदर पोस्ट के...सर नए साल का एक अलग पक्ष सामने आया. सुंदर पोस्ट के लिए बधाइयाँ. अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा.शैलेन्द्र नेगीhttps://www.blogger.com/profile/11758232333118085185noreply@blogger.com